14 जुलाई को दोपहर 2:35 भारत का चंद्र मिशन लॉन्च के लिए तैयार है। इस मिशन के लिए ज्यादा ईधन और चंद्रमा पर एक बड़े लैंडिंग स्थल को सुनिश्चित किया गया है। साथ ही भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन ने विशेष उपाय किया है। जहा विफलता आधारित डिजाइन विकल्प के जरिए कुछ चीजें गलत होने पर भी रोवर चंद्रमा पर सफलतापूर्वक उतरेगी। बता दें कि यह चंद्रयान-2 का फॉलो-अप मिशन है। सितंबर 2019 में सॉफ्टवेयर में गड़बड़ी के चलते क्रैश लैंडिंग हुई थी। इसरो प्रमुथ एस सोमनाथ के अनुसार चंद्रयान-3 में विफलता आधारित डिजाइन किया गया है। ताकि यह मिशन विफल ना हो और सफल लैंडिंग सुनिश्चित की जाए। इसलिए अंदर विफलता परिदृश्यों की गणना और योजनाबद्ध तरीके से कार्य किया गया है।
चंद्रयान-3 में भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन ने कोई चूक नहीं करेगा!
