नर्स की नौकरी के बाद बनी मेयर।


Used to make 400 loaves daily in her in -laws, worked as a nurse.

 आज की कहानी है मुंबई की मेयर की जो की एक नर्स थी। किशोरी पेडनेकर, मुंबई के वर्ली नाका की रहने वाली है। वही उनके पिता मिल कामगार थे। मां घर का कामकाज देखती थीं। छोटे से एक घर में 20 लोग रहा करते थे। दसवीं की पढ़ाई खत्म होते ही उन्होंने अपने क्लासमेट के साथ घर से भागकर शादी कर ली। उनके माता पिता ने 12 साल तक बात नही की। बात इसलिए नही की क्योंकि उनका कहना था कि किशोरी ने उनकी नाक काटा दी है। वे कही मुंह देखने के लायक नही बचे है। क्योंकि किशोरी ने जिस लड़के से शादी की वो ओबीसी था और किशोरी मराठा थी। फिर पति की नौकरी लगी तब उनका वेतन 6 हजार था। ये उन लोगो के लिए राहत की खबर थी। लेकिन वेतन इतना नही मिलता था कि अपने शौक पूरे करें। किशोरी बचपन से बाला साहेब के भाषणों को सुना करती थी साथ ही राजनीति में बहुत मन लगता था। इस बीच किशोरी की मुलाकात एक नेता से हुई जो की फैक्ट्री के वर्करों के लिए लड़ रही थी। 2002 में किशोरी को नगर सेविका बनाया गया। वे अपनी नर्स की नौकरी छोड़ दी थी पर कोविड के समय दोबारा से काम पर जाना पड़ा। क्योंकि की घर के हालात अच्छे नही थे। इतने संघर्ष के बाद आज जानेमाने समाज सेविका के साथ मुंबई की मेयर है। 

 

 

 

 

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