सुमित्रानंदन पंत द्वारा रचित कविता : अपना आना ,किसने जाना...


Poetry composed by Sumitranandan Pant: Who knows his own ...

'अपना आना, किसने जाना|
जग में आ ,फिर क्या पछताना ||
जो आते  है ,वे निश्वय जाते है |
तुझको मुझको भी है जाना ||
बाँध कमर,ओ साक़ी सुंदर |
उठ,कंपित कर में प्याली धर ||
प्रीति सुधा भर, भीति द्विधा हर |
चिर विस्मृति में डूबे अंतर' ||

------"सुमित्रानंदन पंत" ------------

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