सुमित्रानंदन पंत द्वारा रचित कविता : --हाय चुक गया अब सारा धन---


Poetry composed by Sumitranandan Pant:-Hi has lost all the money ---

"हाय चुक ,गया अब सारा धन|
रिक्त हो गया जीवन कोष ||
बुझा चुका यह काल समीरण |
कितने प्राण दीप निर्दोष ||
लौट नहीं आ पाया कोई |
जाकर फिर जग के उस पार ||
उमर पूछ कर हाल वहां के |
पथिकों का करता संतोष " ||

------"सुमित्रानंदन पंत" ------------

BharatiyaRecipes back to top image Add DM to Home Screen