एहेन अत्ततह कतहुँ भेलैए


Ehen Attah Kahun Bhelae

एहेन अत्ततह कतहुँ भेलैए 
बूझना जाइ अछि -
कलियुग आब अघोड़ एलैए
कोन वियाहलि कोन कुमरकी
कोवड़ो कनियाँ सुन्ने कोवड़ छोड़ि एलैए
धी - बेटी हमरहु सबकेँ-
ऐठति-जूईठथि एना जनाना -
पूरखक सोंझाँ अबै छलैए ? एहेन अत्ततह--

ऐ,यै कछुबी कनियाँ !
अरिक्षण- परिक्षण तै दिन नै छ'ल ?
मोछकटूआ सभ व'रक पाँछू 
एना कियेए यै ढैगहड़ि एलैए -
जनिपीट्टा सभकेँ बा'प - पिती कि मैरि गेलैए!
देखूत' दूधकटुआ सबकेँ जेना लगैए-
अछिया पर सं घूड़ि एलैए ।
के छै छौड़ा के छै छौंड़ी, 
फड़क नजड़िए कोनो अबैए ? एहन - अत्

ऐँ , यै गुड़माहा बाली !
नहिरा- ससुरा सब ने डेबलियै 
आँखि पर ब'ड़का खोलस , 
हाथम' मोबेएल, 
देख' म' केहन गिड़थैनि लगैए 

नए विद्यापति ने मधुपक 
एकहु प'द' केँ गति भेलैए 
देखू त' अठिलाही सभकेँ कथि गवैए
जेना लगै अछि बीख' झाड़'लए 
कूट्टी परसँ धैइम एलैए। एहन अत्ततह--

ऐँ, यै ठेङहाबाली!
नैनाजोगिन आपरूप'रका-
अदहु कालसँ होइत एलैए 
एना कतहु नहि कोबड़ा घ'र म'
छौंक्षड़ा- छौंड़िक हूइल भेलैए 

सभजनैछ स्त्रगणक बिध छै -
जे जकड़ा से नीक भेलैए 
घोल - फचक्केँ बुझना जाइए 
केयौ ककरहुम' भिड़ि गेलैए। 

देखलहुँ नहि निरहैटि सब' केँ -
ककरहु देह पर वस्त्र छलैए ? एना अत्ततह-

ऐँ, गै ललिता !
 तूहीटा बीधक'री बनले आकि-
येहटा कनियाँ- व'र भेलैए ?
हे , देह - हाथ झाँपि मनुख सन बैसबैं
बेदीत'र कनियाँ कत्तहु एना उतान भलैए ?
व'रो उचक्के बूझना जाइछौ 
छौंड़ी सभ त' फूजल उक्त भेलैए। एहन अत् 

ऐँ, रौ कमियाँ !
ईसब' वरियता की वरियातिक झ'र एलैए 
नए किनको पाग' न' डोपटा -
नए केयो चानन ठोप कहलनिए।

कहलें व'रयाती छै उत्तर भ'र केर -
बैगे-वाँनिए बूझाना जाइए अछि 
स'ब टीसीएस पार पानि भड़ैए 
पएडड़ धोब' क' मूंह मारी हम
हाथो नए धोलकैए 
गटा-ग'ट सब गिड़ि रहल छै
बूझना जाइ अछि 
पसिखानासँ अबैए एलैए ।एहन अत्ततह--

---------डॉक्टर वंशीधर मिश्र---------

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