जब रंगभूमि में कर्ण कि जाति का मजाक उड़ाया जाता है तब रामधारी सिंह दिनकर द्वारा जाति-प्रथा पर तीखा प्रहार
मूल जानना बड़ा कठिन है, नदियों का बिरो का,
धनुष छोड़ कर और, गौत्र क्या होता रणधीरों का।
पाते है सम्मान तपोबल से, भूतल पे सूर,
जाति-2 का शोर मचाते केवल कायर क्रुर।।
सबने देखा नहीं कर्ण ,जब निकल भीड़ से आया,
अनायास आतंक एक सम्पूर्ण सभा पे छाया।
कर्ण भले ही सूत पुत्र हो अथवा स्रैप्श , चमार,
मालिन है ,मगर इसके आगे सारे राजकुमार।।
------रामधारी सिंह दिनकर------------
शक्तिपीठ थावे मंदिर गोपालगंज (बिहार)
देश और दुनिया के बारे में 10 अनजान तथ्य
फल और सब्जियों के बारे में 10 अनजान तथ्य
अंडे की सब्जी
विटामिन ई कैप्सूल के फायदे
मानवी शरीर से जुड़े १० रोचक तथ्य
दम गोभी
भारत की सबसे 5 डरावनी जगह
Add DM to Home Screen