"रामधारी सिंह दिनकर जी' द्वारा रचित कविता की चंद पंक्तियां : "कलम देश की बड़ी शक्ति है-


A few lines of poetry composed by "Ramdhari Singh Dinkar Ji": "Kalam is the great power of the country-

'"कलम देश कि ,बड़ी शक्ति है. ,भाव जगाने वाली,|
       दिल की नहीं ,दिमागो में भी आग लगाने वाली|| --

पैदा करती कलम, विचारों के जलते अंगारे|
     और प्रजलित प्राण देश क्या कभी मरेगा मारे ||

एक भेद है और वहां, निर्भय होते नरनारी,
       कलम उगलती आग- जहाँ अक्षर बनते चिनगारी || 

जहा मनुष्यों के ,भीतर हरदम जलते हैं शोले ,| 
    बादल में ,बिजली होती, होते दिमाग मे गोले ||

जहा पालते लोग ,लहू में हालाहल की धार ,| 
   क्या चिंता यदि वहाँ हाथ में नही हुई तलवार" ||

---""रामधारी सिंह दिनकर" -----

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