on 6 Sep 2022 , Concise by PiyushChaudhary, 0 0
1940 के दशक में राजस्थान के पावटा में एक किराना दुकान की शुरुआत हुई थी। यह शुरुआत शम्मी अग्रवाल के दादाजी ने की थी, उस समय इसे पंसारी की दुकान के नाम से जाना जाता था। इसके बाद शम्मी के दादाजी कोलकाता शिफ्ट हो गए और धीरे-धीरे सरसों और तेल का थोक कारोबार शुरू किया, 1980 के दशक की शुरुआत में तिल का बिजनेस ठप हो गया, उस समय अग्रवाल परिवार को अहसास हुआ कि बीजों का कारोबार जोखिम भरा है, इसके बाद वे बीजों के कारोबार से खाद्य तेल के कारोबार पर शिफ्ट हो गए। 1990 के दशक ट्रेडिंग …
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