लगातार छह दिन से सुप्रीम कोर्ट के पांच जजों की संवैधानिक बेंच समलैंगिक विवाह को कानूनी मान्यता दे या नहीं इस पर सुनवाई कर रही है। एक ओर जहां समलैंगिकों ने अदालत में शादी को कानूनी मान्यता दिए जाने की मांग उठाई है, तो वही केंद्र सरकार इस पर विरोध जाता रही हैं। अदालत के अनुसार समलैंगिकों को एक साथ रहने के लिए उनको शादी या कुछ और लेबल देना तो जरूरी है। समलैंगिक विवाह को बिना कानूनी मान्यता दिए किसी सरकारी लाभ उठा पाएंगे या नहीं इस पर केंद्र सरकार को विचार करना चाहिए।
समलैंगिकों और केंद्र सरकार की तकरार।
