लखनऊ में आप और सपा की संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस में स्वाति मालीवाल से संबंधित मुद्दा पत्रकारों ने उठाया तो अरविंद केजरीवाल असहज हो गए,तभी संजय सिंह ने माइक अपनी तरफ घुमा लिया और इधर उधर की बात कहने लगे तब जाकर केजरीवाल को थोड़ा राहत मिला।अखिलेश यादव भी प्रेस कॉन्फ्रेंस में बोलने लगे कि बीजेपी किसी की सगी नहीं है, फिर उन्हें कहा कि स्वाति मालीवाल से बड़े मुद्दे हैं देश में, इसी बात को लेकर बीएसपी सुरीमो मायावती में अनपे एक्स के जरीये हमला बोला और लिखा कि ऐसे लोगो को है टाइप की बात सोभा नहीं देती है,अनहोनी ये भी लिखा कि "आप पार्टी की महिला राज्यसभा सांसद के साथ सीएम आवास में अभद्रता के गंभीर मामले पर देश की नजर तथा दोषी के विरुद्ध अब तक कार्रवाई नहीं होना अनुचित। ऐसे में राज्यसभा के सभापति व महिला आयोग को भी इस घटना का समुचित संज्ञान लेने की जरूरत".स्वाति मालीवाल के खिलाफ यौन उत्पीड़न और संजय सिंह के खिलाफ हमले के आरोपों पर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की चुप्पी की विभिन्न हलकों से आलोचना हो रही है।दिल्ली महिला आयोग (डीसीडब्ल्यू) की अध्यक्ष मालीवाल ने अरविंद केजरीवाल के पूर्व पीएस बिभव कुमार पर अपने साथ छेड़छाड़ करने का आरोप लगाया है। इस मामला है में राष्ट्रीय महिला आयोग( NCW)ने विभव कुमार को समन भी भेजा है.मीडिया के बार-बार अनुरोध के बावजूद केजरीवाल ने इस मामले पर सार्वजनिक रूप से कोई टिप्पणी नहीं की है। उनकी चुप्पी से अटकलें लगाई जा रही हैं कि वह अपनी पार्टी के सहयोगियों को बचाने की कोशिश कर रहे हैं। बीजेपी प्रवक्ता ने कहा, ''केजरीवाल की चुप्पीबहुत कुछ बया कर रही है.'' "उन्हें तुरंत सामने आना चाहिए और इन गंभीर आरोपों पर अपना रुख स्पष्ट करना चाहिए।यह पहली बार नहीं है कि केजरीवाल यौन उत्पीड़न के मुद्दे पर चुप रहे हैं।" "उनका अपनी पार्टी के उन सदस्यों को बचाने का इतिहास रहा है जो ऐसे अपराधों के आरोपी हैं।केजरीवाल की चुप्पी दिल्ली की महिलाओं के साथ विश्वासघात लगता है
स्वाति मालीवाल मुद्दे पर अरविंद केजरीवाल की चुप्पी क्या कहलाती है?
