मुंबई की एक विशेष अदालत ने विचाराधीन कैदियों को निर्वस्त्र करके तलाशी लेने के कार्य को गलत ठहराया है। कोर्ट के अनुसार यह उनके मूलभूत अधिकारों का उल्लंघन है। कोर्ट ने जेल के अधिकारियों को तलाशी के लिए तकनीकी औजारों और स्कैनर का इस्तेमाल करने को कहा है। बता दें कि 1993 के मुंबई बम धमाकों के आरोपी अहमद कमाल शेख ने निर्वस्त्र करके तलाशी लेने के कार्य के खिलाफ याचिका दायर की थी।
भारतीय जेल में मूलभूत अधिकारों का उल्लंघन।
