2002 में मुंबई की निचली अदालत ने गुलशन कुमार की हत्या के आरोपी अब्दुल रऊफ को उम्रकैद की सजा सुनाई थी। इस फैसले के खिलाफ आरोपी ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की। जिसके बाद इस संबंध में महाराष्ट्र सरकार को सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस दीपांकर दत्ता की बेंच ने नोटिस जारी किया है। निचली अदालत ने आरोपी को बरी कर दिया था, पर बॉम्बे हाईकोर्ट ने इस सजा को बरकरार रखा था। बॉम्बे हाईकोर्ट के अनुसार अब्दुल रऊफ जैसा आरोपी उदारता का हकदार नहीं है। पैरोल के बहाने वह पहले भी बांग्लादेश भाग चुका था। जांच में यह सामने आ चुका हैं कि डॉन अबु सलेम से धमकी मिलने के बाद भी गुलशन कुमार ने उसे 10 करोड़ रुपए नहीं दिए थे। जिस बात से नाराज होकर डॉन अबु सलेम ने अब्दुल रऊफ और अब्दुल राशिद को गुलशन कुमार की हत्या करने के लिए भेजा था।
गुलशन कुमार के हत्यारे की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र सरकार को नोटिस जारी किया।
