ज्ञानवापी की ASI सर्वे के अब भी विरोध में है मस्जिद पक्ष, कहा कि फिर अतीत के घाव हरे होंगे।


The mosque side is still opposed to the ASI survey of Gyanvapi, said that - the wounds of the past will be green.

ज्ञानवापी किसी हिंदू मंदिर के ढांचे पर बनी है याह नहीं यह पता लगाने के लिए शुक्रवार को फिर से एएसआइ सर्वेक्षण करने पहुची। एएसआइ की टीम ने हाई कोर्ट के आदेश पर वुजूखाने को छोड़कर साढ़े छह घंटे की सर्वे किया है। बाहरी दीवारों को बारीकी से परख कर आधुनिक मशीन ग्राउंड पेनिट्रेटिंग रडार की मदद से बाहरी हिस्से की जमीन की जांच की गई। दोपहर में जुमे की नमाज के लिए सर्वे रोका गया था। इलाहाबाद हाई कोर्ट की इस आदेश के खिलाफ गुरुवार को मस्जिद पक्ष सुप्रीम कोर्ट पहुंचा था। मस्जिद पक्ष के अनुसार 17वीं शताब्दी में मुगल सम्राट औरंगजेब के आदेश पर ज्ञानवापी के स्थान पर रहे मंदिर को ध्वस्त कर दिया गया था। एएसआइ सर्वेक्षण के कारण 500 साल पहले के घावों को फिर से हरा कर देगा। जो भाईचारे और धर्मनिरपेक्षता पर आघात पहुंचाएगा।

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