दो दशक से मध्य प्रदेश की सत्ता से दूर कांग्रेस को 5 साल और इंतजार करना होगा। कांग्रेस ने 2018 में 114 सीटों पर जीत हासिल की थी, लेकिन ज्योतिरादित्य सिंधिया की बगावत के कारण कमलनाथ की सरकार गिर गई थी और इस बार भी कमलनाथ की अगुआई में कांग्रेस सिर्फ 66 सीट ही हासिल कर पाई। हालांकि 2018 की तुलना में कांग्रेस के वोटशेयर में कोई खास गिरावट नहीं आई है और कांग्रेस का कोर वोट बैंक उनके साथ बना रहा। 5 साल पहले पहले जहा पार्टी को 40.9 फीसदी वोट शेयर मिला था तो वही इस बार कांग्रेस को 40.4 फीसदी मतदाताओं ने सत्ता में लाने की कोशिश की।
मध्य प्रदेश में सत्ता से दूर हुई कांग्रेस, पर वोटशेयर में नहीं आई गिरावट।
