वैसे तो महिला अधिकार की बाते बड़े जोर शोर से की जाती है l पढ़ा लिखा हर दूसरा आदमी महिला अधिकार के पक्ष में रहता है l हर चुनावी रैली में महिला अधिकार को लेकर बड़े बड़े वादे किये जाते हैl वहीं दूसरी तरफ कई ऐसे उदाहरण है,जहाँ महिओं को उनके बुनियादी सुविधाओं से भी वंचित रखा जाता है l ऐसा ही एक उदहारण है इंडियन रेलवे,जिसमे महिला लोको पायलट के लिए इंजनों में शौचालय की सुविधा नहीं दी गई है lमहिलाएं रेलवे में एक अरसे से लोको पायलट की भूमिका निभा रही है l लोको पायलट जिस पर की हज़ारों लोगों को सावधानी से ले जाने और ले आने की जिम्मेदारी होती हैl इस में हर वक्त सतर्क रहना होता है और ऐसे में शौचालय का ना होना, अपने आप में एक बहुत बड़ी समस्या हैlआज की तारीख में करीब करीब 1000 से अधिक महिलाएं ट्रेन चला रही हैं l पुरुष लोको पायलट को भी इसी समस्या का सामना करना पड़ता है। हर लोको पायलट के लिए 12 घंटे की ड्यूटी टाइम तय है l महिला लोको पायलट के लिए 200-300किलोमीटर तक की दूरी तय करने का नियम है, जिसमे करीब करीब 7-8घंटे का समय लग जाता है और कई बार कई कारणों से ट्रेन लेट हो जाती है, जिसकी वजह से 12घंटे से ज़्यदा का ही समय लग जाता हैl ऐसे में कई बार महिला लोक पायलट को सनेटरी पैड्स इस्तेमाल करना पड़ता है, जो की उनके स्वस्थ की दृष्टि से उनके लिए हानिकारक है l आश्चर्य की बात यह है कि रेलवे बोर्ड ने अभी तक रेलवे क्रू मेंबर्स लिए कोई गाइडलाइन नहीं बनाई है,जबकि महिला एवं बाल कल्याण मंत्रालय ने 2013 में कार्यस्थल पर महिलाओं के अधिकार संबंधित कानून लागू कर दिए थे l