पिछले 6 दिन से ज्ञानवापी में ASI सर्वे जारी है। जहा गुंबदों की गोलाकार छत में नागर शैली की डिजाइन, त्रिशूल, मूर्ति, भाले जैसी आकृति मिली है। जिसके बाद ज्ञानवापी परिसर के बाहर हिंदू पक्ष के लोग हर हर भोलेनाथ और ओम नम: शिवाय के जयकारे लगाने लगे हैं। हालाकि मुस्लिम पक्ष का दावा है कि यह सब महज एक अफवाह हैं। तो वही यूपी के 5 स्थलों पर कई सालों से ज्ञानवापी जैसे मुद्दा उठाया जा रहा हैं। ऐसे ही 3 मामलों पर इस महीने अहम सुनवाई की जाएगी। कोर्ट में चल रहे केस की मौजूदा स्थिति के अनुसार वाराणसी के सरायगोवर्धन के ज्ञानवापी परिसर में रहने वाला श्रृंगार गौरी माता का मंदिर साल में सिर्फ एक बार ही खुलता है। इस मामले की सुनवाई 2 सितम्बर 2023 को होगी। मथुरा के शाही ईदगाह मस्जिद श्रीकृष्ण जन्मभूमि के ऊपर बना हुआ है। जिसकी सुनवाई 23 अगस्त 2023 को की जाएगी। लखनऊ का टीले वाली मस्जिद में लक्ष्मण टीला होने का आरोप लगा है। जिसकी सुनवाई 12 अगस्त 2023 को की जाएगी। बदायूं के मौलवी टोला इलाके के जामा मस्जिद में मंदिर होने का दावा किया गया है। जिसकी सुनवाई 17 अगस्त 2023 को की जाएगी। तो वही आगरा के ताजमहल में भी शिव मंदिर होने का दावा किया गया है। इसलिए ताजमहल के 20 बंद कमरों को खुलवाने के लिए इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की गई है।
ज्ञानवापी जैसे मस्जिद के नीचे मिले मंदिर, 3 बड़ा मामला आया सामने।
