बीजेपी सांसद और पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने दावा किया कि शरद पवार की पार्टी एनसीपी में हुई पटना बैठक विपक्षी एकता का परिणाम है। जहा राहुल गांधी को प्रोजेक्ट करने की तैयारी हो रही थी। उनके अनुसार जदयू के विधायक और सांसद न ही राहुल गांधी को समर्थन देंगे और न ही तेजस्वी यादव को। अगर जदयू महागठबंधन में रही तो वह लोकसभा चुनाव में 10 सीटों से ज्यादा नहीं जीत पाएगी और कई सांसदों को टिकट मिलने की समस्या रहेगी। बिहार में महाराष्ट्र की तरह ही हालात बन सकती है। जिसके चलते नीतीश कुमार ने विधायकों के साथ अलग अलग बातचीत शुरू कर दी है। विधायकों को पूछे बिना नीतीश कुमार ने भाजपा के साथ गठबंधन तोड़ा, फिर लालू प्रसाद से मिलाप किया और बिहार में विकास की रफ्तार रोक दी। इससे पार्टी के भीतर असंतोष बढ़ रहा है।
सुशील मोदी का दावा : विपक्षी एकता बैठक के परिणामस्वरूप एनसीपी में उठा विद्रोह।
