इलाहाबाद हाईकोर्ट के दिए फैसले को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए उच्चतम न्यायालय ने याचिका वापस लेने की अपील को खारिज कर दिया। यह बलात्कार जैसे दुष्कर्म से संबंधित याचिका था, जिसमें महिला ने आरोपी के ऊपर लगाया था। कोर्ट ने कहा कि दोनों शादी से पहले एक दूसरे को जानते थे, दोनों वयस्क होने के बाद शादी किए और आपसी फैसले के बाद ही तलाक लिए। इस स्थिति में दोनों के बीच बने सम्बंध बलात्कार नहीं है
सहमती से बना संबंध दुष्कर्म नहीं।
