पटना: बिहार के राज्यपाल राजेन्द्र विश्वनाथ आर्लेकर ने समलैंगिक विवाह के मामलों के संबंध में चिंताएं जाहिर की हैं और साथ ही संस्कृति पर उन्होंने असर डालने की कोशिश की है। उन्होंने ऐसे मामलों की आवश्यकता पर सवाल उठाया, उनके वाक्यों में प्रेरक अंदाज में पूछा कि क्या ऐसा करने की जरूरत थी। राज्यपाल ने बताया कि परिवार संस्था और परंपराओं को खतरा हो रहा है और उन्होंने चिन्मया मिशन की 71वीं स्थापना दिवस की अवसर पर यह बयान दिया। उन्होंने हाल कुछ वर्षों में देखा कि भारत ने दुनियाभर में अपनी बुद्धिमता का प्रदर्शन किया है, राजनीतिक और सांस्कृतिक दोनों तरीकों से। उन्होंने स्पष्ट किया कि भगवद गीता हमें सही क्रिया की प्रेरणा देती है, और भारत की शक्ति आध्यात्मिकता और संस्कृति में मौजूद है। कार्यक्रम में उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति शिवाजी पांडे और विश्व हिंदू परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ आरएन सिंह भी शामिल थे।
राजेंद्र विश्वनाथ अर्लेकर- समलैंगिक विवाह जैसे मामलों का उद्देश्य भारत की संस्कृति को कमजोर करना है।
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