यह मामला है साल 1996 के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव कि। जहां समाजवादी पार्टी ने राज बब्बर को लखनऊ से टिकट दिया था। उनका मुकाबला अटल बिहारी वाजपेयी से था। 2 मई, 1996 को मतदान के दिन राज बब्बर ने फर्जी मतदान का आरोप लगा कर अपने साथियों के साथ मिलकर मतदान अधिकारी श्रीकृष्ण सिंह राणा से मारपीट की थी। मतदान अधिकारी ने 23 मार्च को राज बब्बर और अरविंद यादव के खिलाफ थाने में शिकायत दर्ज कराई थी। राज बब्बर के खिलाफ भारतीय दंड संहिता IPC की धारा 143, 332, 353, 323, 504, 188 के तहत FIR दर्ज कर दी गई ।
इस मामले में लंबी सुनवाई के बाद, मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट अंबरीष कुमार श्रीवास्तव ने शुक्रवार को राज बब्बर को दोषी ठहराते हुए,उन्हें दो साल की सजा सुनाई। और 6500 रुपए का जुर्माना भी लगाया। यह फैसला सुनाने के बाद कोर्ट ने राज बब्बर को जमानत भी दे दी। राज बब्बर कि अलग-अलग धाराओं में मिली है सजा को कोर्ट ने एक साथ चलाने का आदेश दिया है।
कोर्ट के फैसले के बाद राज बब्बर के वकील का कहना था कि वह लोग अब हाई कोर्ट में जायेगे, राज बब्बर पर लगाए गए सारे आरोप झूठे है।