प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वतंत्रता दिवस पर देश की जनसंख्या को महत्वपूर्ण शक्ति के रूप में प्रस्तुत किया और 2047 तक विकसित भारत की दिशा में "मूल्यों पर आधारित विकास" की आवश्यकता बताई। भाषण ने आगामी जी-20 शिखर सम्मेलन के प्रति अंतरराष्ट्रीय समुदाय के लिए संदेश के रूप में काम किया और 2024 के चुनाव के प्रसंग में विभिन्न सामाजिक समूहों के प्रति संवाद को भी प्रमोट किया। पीएम ने "राष्ट्र चेतना" और "राष्ट्र चरित्र" पर बल दिया, जो विश्वकल्याण की दिशा में थे, और मणिपुर में हुई हिंसा का भी संदर्भ दिया, जिससे विपक्ष ने आरोप उठाया था।
प्रधानमंत्री मोदी ने स्वतंत्रता दिवस भाषण में बड़े लक्ष्यों की रूपरेखा दी।
