यूनिफॉर्म सिविल कोड को लेकर देश में सियासी विवाद तेज हो रहा है। सूत्रों के अनुसार केंद्र सरकार की संभावितता है कि मानसून सत्र के दौरान संसद में यूनिफॉर्म सिविल कोड पेश किया जाए। जिस पर विभिन्न दलों ने अपने पक्ष का व्यक्त किया है। बीएसपी के अध्यक्ष मायावती ने अपनी पार्टी का समर्थन देकर बयान दिया कि उनकी पार्टी यूनिफॉर्म सिविल कोड के विरोध में नहीं है। लेकिन इसे जबरन लागू करने का प्रावधान संविधान में नहीं है। इसमें सर्वधर्मिक सहमति की आवश्यकता होती है। देश में सभी सरकारों को इसे लागू करना चाहिए। इसमें कोई धार्मिक पक्षपात नहीं होना चाहिए। साथ ही मायावती ने देश की सरकार को महंगाई, गरीबी, बेरोजगारी, शिक्षा और स्वास्थ्य जैसे मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करने को कहा है।
यूनिफॉर्म सिविल कोड को लेकर छिड़ा सियासी विवाद।
