लंबे समय से जिस डिजिटल पर्सनल डाटा प्रोटेक्शन बिल पर केन्द्र सरकार काम कर रही थी उसे 3 अगस्त को संसद में पेश किया गया है। केन्द्रीय आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव के अनुसार यह बिल भारत में नागरिकों की डिजिटल प्राइवेसी को बनाए रखने वाला पहला कानून होगा। लेकिन इस बिल के दायरे में भारत के लोगों के डेटा का देश के बाहर होने वाली इस्तेमाल में आता है। डेटा प्रोटेक्शन बिल का कानून बन जाने के बाद लोगों का डिजिटल स्पेस बेहद बदल जाएगा। इसलिए विपक्षी पार्टियां इस बिल को आम लोगों की प्राइवेसी के लिए खतरा बता रही हैं।
प्राइवेसी के लिए पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन बिल पर विवाद खड़ा कर रहा हैं विपक्ष।
