बैठक के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में नहीं दिखे नीतीश, लालू और तेजस्वी। दल मिले पर दिल नहीं!


Nitish, Lalu and Tejashwi were not seen in the press conference after the meeting. The party meets but no heart!

बेंगलुरु: मंगलवार को बेंगलुरु में विपक्षी एकता की दूसरी बड़ी बैठक हुई। इस बैठक में कई अहम निर्णय लिए गए, लेकिन बैठक के बाद ज्वाइंट प्रेस कॉन्फ्रेंस में बिहार के सीएम नीतीश कुमार डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव और राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव नहीं दिखे। बताया गया कि उन्हें फ्लाइट के लिए देर हो रही थी। हालांकि वे अपने चार्टर्ड प्लेन से गए थे। ऐसे में सबसे बड़ा सवाल यह है कि जब वे चार्टर्ड प्लेन से गए थे तो फिर उन्हें फ्लाइट में देरी कैसी। दूसरी और प्रेस कॉन्फ्रेंस से इनके गायब रहने पर कई सवाल उठने लगे हैं। इसमें सबसे अहम यह है कि क्या विपक्षी एकता के सूत्र धार रहे नीतीश कुमार और लालू प्रसाद यादव नाराज हो गए हैं।

हालांकि इस पर ना तो नीतीश कुमार कुछ बोल रहे हैं और ना ही कांग्रेसी या किसी अन्य पार्टी की तरफ से कोई औपचारिक बयान जारी किया गया है। लेकिन भाजपा को मौका जरूर मिल गया है।

आरजेडी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस से पहले INDIA के नाम का ट्वीट डिलीट किया

आरजेडी के ट्विटर अकाउंट से पहले महागठबंधन के नए नाम की घोषणा की गई इसमें लिखा गया कि अब भाजपा को INDIA कहने में भी दिक्कत होगी। हालांकि ज्वाइंट प्रेस ब्रीफिंग शुरू होने से थोड़ी देर पहले ही इस पोस्ट को डिलीट कर दिया गया। इसके बाद आरजेडी के नेता बयान देने से कतरा रहे हैं।

संयोजक के पद पर नहीं बनी सहमति

​​​​​​बैठक में शामिल एक नेता की माने तो संयोजक पद के लिए मीटिंग में खूब माथापच्ची हुई। इसके लिए 2 नाम की चर्चा तेज थी पहला अरविंद केजरीवाल और दूसरा नीतीश कुमार। इस पर सहमति नहीं बनी तो चार संयोजक बनाने का प्रस्ताव पेश किया गया। जो देश के चार कोने से होंगे। लेकिन छोटे दलों ने इस प्रस्ताव को भी खारिज कर दिया।

23 जून को पटना में विपक्षी एकता की पहली बैठक हुई थी। इसमें तय किया गया था कि अगली बैठक कांग्रेश के नेतृत्व में होगी। इसमें गठबंधन का नाम, संयोजक और कॉमन मिनिमम प्रोग्राम के साथ सीट बंटवारे के फार्मूले की घोषणा की जाएगी। लेकिन बेंगलुरु में हुई बैठक में सिर्फ गठबंधन के नाम की घोषणा की गई। ना तो संयोजक के नाम पर सहमति बन पाई और ना ही सीट फार्मूले पर कोई बात बनी। अब अगली बैठक मुंबई में होगी। चर्चा इस बात की भी है कि नीतीश को यह रास नहीं आया। वहीं कई मीडिया चैनलों का यह भी मानना है कि नीतीश को महागठबंधन का नाम इंडिया रखना सही नहीं लगा।

इन सारी बातों पर गौर कर देखा जाए तो विपक्षी एकता के नाम पर, सभी दल तो मिल गए पर दिल नहीं मिलने पाए।

 

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