इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने सोमवार को मांग की कि डॉक्टरों के लिए जेनेरिक दवाएं लिखना अनिवार्य बनाने वाले नियमों को टाल दिया जाए। IMA ने भारत में बनी दवाओं के मानक और क्वालिटी को लेकर चिंता जताई है, क्योंकि इनमें 0.10% से भी कम का क्वालिटी चेक किया जाता है। दरअसल, 2 अगस्त को नेशनल मेडिकल कमीशन ने प्रोफेशनल कंडक्ट ऑफ रजिस्टर्ड मेडिकल प्रैक्टिशनर रेगुलेशन जारी किया था। इसके तहत डॉक्टरों को प्रिस्क्रिप्शन में जेनेरिक दवाएं लिखना अनिवार्य किया गया था।
IMA की मांग, जेनेरिक दवाइयां लिखना अनिवार्य ना करें
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