7 अक्टूबर को हमास ने इजराइल में घुसकर आम लोगों और बच्चों पर हमला किया था, जिसमें कई लोगों की जान गई। इसके बाद हमास और इज़राइल में जंग की शुरुआत हुई। हाल में सामने आया कि इस हमले के लिए हमास के लड़ाकों ने कैप्टागन नामक सिंथेटिक ड्रग का इस्तेमाल किया था। कैप्टागन, जिसे 'गरीबों की कोकीन' भी कहा जाता है। DW की रिपोर्ट के मुताबिक सीरिया की जंग में लड़ाकों ने ताकत बढ़ाने और थकान को कम करने के लिए इस दवा का इस्तेमाल किया, जिसके असर से वे बिना रुके अपने काम में लगे रहें। आतंकी संगठन ISIS पर भी अपने लड़कों को कैप्टागन की गोलियां खिलाने के आरोप लगते रहे हैं।
कैप्टागन एक सिंथेटिक ड्रग है जो मूल रूप से 1961 में जर्मनी में बनाया गया था, और इसका उपयोग मनोविकारों के इलाज के लिए होता था। हालांकि बाद में इसे पार्टी ड्रग के रूप में इस्तेमाल किया जाने लगा। ड्रग के निर्माण और वितरण पर प्रतिबंध लगाने वाले अनेक देशों के द्वारा इसका उत्पादन बंद किया गया है, लेकिन इसका अवैध निर्माण जारी है।
न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक सीरिया में कैप्टागन ड्रग्स बनाने की कंपनियां सीरिया के राष्ट्रपति बशर अल असद के रिश्तेदारों की है। वहीं, बशर अल असद को हिजबुल्लाह का पूरा समर्थन है। जो गाजा में हमास का समर्थन करता है। यरुशलम पोस्ट की रिपोर्ट के मुताबिक गाजा में हाल ही के दिनों में कैप्टागन ड्रग की तस्करी और इस्तेमाल में बढ़ोतरी आई है।