फाइलेरिया के खिलाफ लड़ाई को बढ़ावा देने के लिए केंद्र सरकार ने पुरी तैयारी कर ली है। जिसके लिए 10 अगस्त से पहले आठ राज्यों को फाइलेरिया रोधी दवाओं का सेवन कराने के निर्देश दिया गया हैं। बता दें कि फाइलेरिया को हाथीपांव भी कहा जाता है। जो एक मच्छर के जरिए होता है। इससे बचने के लिए तीन दवाओं का सेवन दो से तीन साल तक करना आवश्यक है। 2027 तक सरकार ने फाइलेरिया को खत्म करने का मिशन शुरू किया है। जिसके तहत बिहार, उत्तर प्रदेश, झारखंड, छत्तीसगढ़, पश्चिम बंगाल, महाराष्ट्र, कर्नाटक और ओडिशा के ज्यादा मामले वाले जिलों में अभियान चलाया जाएगा। स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, देश में 43 करोड़ लोगों को निवारक दवाओं की जरूरत है। लेकिन जांच के दौरान पाया गया कि लगभग 30% लोग दवा का सेवन नहीं कर रहे थे। इसलिए पांच-स्तरीय रणनीति के साथ सरकार अपने लक्ष्य को पूरा करने के लिए कठोरी से कठोरी नीति अपना रहे है।
फाइलेरिया रोग को लेकर मोदी सरकार सख्त ।
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