गोरखपुर-महिला सशक्तिकरण का बनता उदाहरण


Gorkhpur-mahila sashaktikaran ka bnta udaharan

पुरुष प्रधान समाज की मनोवृत्ति हमेशा महिलाओं प्रति उदार नहीं रहा | सफर के दौरान आज गुलरिया निवासी महिला से मुलाकात हुई जो गोलघर से मेडिकल तक अपने तीन पहिये वाहन से सवारी ढोने की और रोजमर्रे के  खर्च की जिम्मेदारी उठा रखी है।जितना सहज इस बात को कहना है,उस जिम्मेदारी को उठा पाना उतना ही मुश्किल है | जहाँ समाज नवीनीकरण के बीच महिला सशक्तिकरण का मौखिक अनुमति दे चुका हो ,ये एक बेहतर उदाहरण हो सकता है |जरूरत सिर्फ उन महिलाओं को खुले आसमान की है,जो निर्बाध गति से उड़ान भर सके |

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