मणिपुर की हिंसा को 100 दिन पूरे हो चुके है। हर शहर-कस्बे में जली हुईं बस्तियां, टूटे हुए मकान और बंद पड़े बाजार देखा जा सकता है।अचानक समुदायों के बीच संघर्ष शुरू हो जाता हैं।भास्कर रिपोर्टर के अनुसार राजधानी इंफाल से 42 किमी दूर कांगपोकपी चौहारे पर मणिपुर को असम से जोड़ने वाले इकलौते हाईवे पर बसा यह शहर पूरी तरह से बर्बाद हो चुका है। सभी स्कूल-कॉलेज में रिलीफ कैंप चलाए जा रहे है। जहा 40 हजार लोग रह रहे हैं। युवाए अपनी जाति के नाम पर हथियार उठा चुके हैं। सेना के काफिले रोक कर महिलाएं अपने समुदाय के उपद्रवियों को बचा रही हैं और सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर रही है।
मणिपुर के हर नागरिक के हाथ में हथियार, प्रशासन गायब।
