दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे पर हुए एक दुर्घटनाग्रस्त अपघात में, मृतकों के पोस्टमार्टम के दौरान फॉरेंसिक एक्सपर्ट डॉ. अनिल कुमार यादव के हाथ कांपने लगे। उन्होंने बताया कि 2016 से अब तक वे 10,000 से अधिक शवों के पोस्टमार्टम कर चुके हैं, लेकिन पहली बार इस रूप में क्षतिग्रस्त शवों का पोस्टमार्टम करते समय उन्हें हाथ कांपने लगा। शवों की पहचान के लिए स्वजनों को बुलाया गया और शवों की पहचान कपड़ों और अंगों के माध्यम से की गई। अधिकांश मौत हेड इंजरी के कारण हुईं है। पोस्टमार्टम प्रक्रिया काफी समय लगने के बावजूद उसे पूरा कर लिया गया। इस दुर्घटना के दृश्यों ने लोगों का दिल दहला दिया है। तीन शव वाहनों से भेजे गए शवों का पोस्टमार्टम हाउस पर किया गया। परिजनों ने शव वाहनों में इंतजाम की मांग की, लेकिन बाद में सरकारी वाहनों में ही शव ले जाया गया।
दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे पर हुए दुर्घटनाग्रस्त अपघात: फॉरेंसिक एक्सपर्ट के हाथ कांपने का दर्द
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