चुनाव के वक्त राजनीतिक दलों के बड़े बड़े दावों के बाद भी राज्य की कमाई में ज्यादा वृद्धि दिखाई नहीं देती है। चुनाव से पहले भाजपा और कांग्रेस ने छत्तीसगढ़ में कई बड़े बड़े वादे किए है, लेकिन बात करें कर्ज की तो छत्तीसगढ़ पर 89 हजार करोड़ रूपए का बकाया है। आंकड़ों के अनुसार, हर साल राज्य को 6 हजार करोड़ रुपए का ब्याज चुकाना पड़ता है और अगर सरकार की योजनाई लागू की गई तो राज्य का कर्ज और तेजी से बढ़ता जाएगा।
हजारों करोड़ रुपए के कर्ज तले दबा है छत्तीसगढ़, हर साल चुकाना पड़ता है 6 हजार करोड़ रुपए का ब्याज।
