मां और शिशु के बीच राष्ट्रीयता लाने से केंद्र पर नाराज़ हुए बॉम्बे हाईकोर्ट।


Bombay High Court at the Center by bringing nationality between mother and baby.

सोमवार को बंबई उच्च न्यायालय ने केंद्र सरकार के रवैये पर नाराजगी जाहिर की है। खबर के अनुसार एक रूसी महिला ने अपनी याचिका में दावा किया कि उसने एक दूसरे भारतीय व्यक्ति से दूसरी शादी की है। जिससे उसको एक छह महीने की बेटी है और पहली शादी से महिला का एक नाबालिग बेटा है। यमूर्ति गौतम पटेल और न्यायमूर्ति नीला गोखले की खंडपीठ के अनुसार जो महिला अपने शिशु को स्तनपान करा रही है, राष्ट्रीयता के कारण उसे अपने शिशु से अलग नहीं किया जाना चाहिए। मानवीय दृष्टिकोण से विशेष परिस्थितियों पर विचार करना चाहिए। बता दें कि केंद्रीय गृह मंत्रालय के निर्देश पर स्थानीय पुलिस ने जनवरी 2023 में देश छोड़ने के लिए महिला को एक एग्जिट परमिट जारी किया था। जिसके बाद महिला ने उच्च न्यायालय पर याचिका दायर की।

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