आर्टिकल 21 संविधान की जान: सुप्रीम कोर्ट


Article 21 Life of Constitution: Supreme Court

सुप्रीम कोर्ट ने एक व्यक्ति की जमानत को लेकर बॉम्बे हाईकोर्ट को नसीहत देते हुए फटकार लगाई। शीर्ष कोर्ट ने कहा कि आर्टिकल-21 (जीवन की स्वतंत्रता) संविधान की आत्मा है। इससे संबंधित मामलों पर हाईकोर्ट का जल्दी फैसला न सुनाना या फिर टालना किसी व्यक्ति को इस बहुमूल्य अधिकार से वंचित कर देगा।जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस संदीप मेहता की बेंच के मुताबिक, बॉम्बे हाईकोर्ट ने मर्डर के मुख्य आरोपी अमोल विट्ठल वाहिले को तब जमानत दी, जब हमने 29 जनवरी को इस मामले में दखलअंदाजी की। वाहिले, महाराष्ट्र के कॉर्पोरेटर के मर्डर में मुख्य आरोपी है।

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