10 केस लंबित: सावरकर पर भी ऐसे ही बोलते हैं, राहुल को उच्च न्यायालय की सलाह।


10 cases pending: Savarkar also speaks the same on Savarkar, the advice of the High Court to Rahul.

मोदी उपनाम टिप्पणी के खिलाफ मानहानि मामले में राहुल गांधी की सजा पर रोक लगाने से इनकार करते हुए गुजरात हाई कोर्ट ने सत्र न्यायालय के आदेश को बरकरार रखा।गुजरात हाई कोर्ट के अनुसार ट्रायल कोर्ट का दोषी ठहराने का आदेश उचित है। उस पर हस्तक्षेप नहीं करनी चाहिए।इसलिए आवेदन को खारिज किया जाता है। राहुल गांधी के खिलाफ 10 आपराधिक मामले लंबित हैं। कैंब्रिज में वीर सावरकर को लेकर उनके लिए इस्तेमाल किए गए शब्दों के कारण एक शिकायत तो वीर सावरकर के पोते ने भी पुणे में दर्ज करा रखी है। हाई कोर्ट से मिली इस आदेश के बाद फिलहाल राहुल को संसद से दूर ही रहना होगा। कांग्रेस पार्टी अब इस फैसले को को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देगी। बता दें कि 13 अप्रैल, 2019 को कर्नाटक के कोलार में एक चुनावी रैली के दौरान राहुल गांधी ने टिप्पणी करते हुए कहा था कि सभी चोरों का समान उपनाम मोदी ही क्यों होता है? जिसके बाद भाजपा विधायक पूर्णेश मोदी ने उनके खिलाफ आपराधिक मानहानि का मामला दर्ज कराया था और 23 मार्च को सूरत की मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट अदालत ने भारतीय दंड संहिता की 499 और 500 के तहत दोषी ठहरा कर उन्हें दो साल सजा सुनाई गई थी और उन्हें संसद की सदस्यता से अयोग्य करार दिया गया था।

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