आयोद्धा के राम मंदिर में पहली बार पर्दा हटाकर रामलला की मंगला आरती की गई है और किसी भी वैष्णव मंदिर में यह परम्परा नहीं है। रामलला के मुख्य अर्चक आचार्य सत्येन्द्र दास शास्त्री से मिली जानकारी के अनुसार, माता सीता के साथ एक मर्यादा का बंधन होने के कारण पर्दा नहीं हटाया जा सकता है, लेकिन राम मंदिर में पांच वर्ष के बालक स्वरूप में रामलला विराजमान हैं और वहा माता सीता मौजूद नहीं है। इसलिए, पर्दा हटाया गया है। इसके साथ ही मंगला आरती और शयन आरती को लेकर 100-100 लोगों के लिए दर्शन पास की व्यवस्था लागू की गई है और यह पास ऑन लाइन, ऑफ लाइन दोनों तरीके से प्राप्त कर सकते है।
राम मंदिर में की गई नई व्यवस्था, जानिए रामलला की आरती का पास कैसे हासिल करे?
