श्रीरामवल्लभाकुंज के झूलनोत्सव में 70 साल पुराने र्स्वण युक्त चांदी के 3 कुंतल के झूलन पर भगवान सीताराम विराजमान होते हैं। यह झांकी पूरे देश में प्रसिद्ध है। सावन झूला मेले के दौरान यह झूला मुख्य आकर्षण का केंद्र बनी हुई है। पूरे उत्सव के दौरान मुख्य पुजारी रामाभिषेक दास और उनके चार सहायक झूले पर ही भगवान के जागरण से लेकर शयन तक की सारी सेवा करते हैं। हर दिन भगवान को अलग-अलग रंग के वस्त्र पहनाए जाते हैं। इस समय उनको सोने के मुकुट, हार के साथ बेला सहित गुलाब आदि के फूलों के हार पहनाएं जा रहे हैं।
श्रीरामवल्लभाकुंज के झूलनोत्सव में 70 साल पुराना 300 किलो चांदी के झूले में विराजमान हुए रामजी।
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