उदासीन आश्रम में रविवार को सम्पद्राय के आचार्य भगवान श्रीचंद की जयंती मनाई गई थी, जिस दौरान उनकी मूर्ति का अभिषेक कर हवन-पूजन और आरती किया गया था। जयंती के इस अवसर पर आश्रम के महंत डॉ भरत दास ने कहा कि धर्म हर तरह से हमारी रक्षा करते हैं, इसलिए हमे भी धर्म के लिए समय जरूर निकालना चाहिए। अखंड भारत के लाहौर की खड़गपुर में स्थित तलवंडी नामक स्थान में श्रीचंद का जन्म हुआ था और जन्म से ही उनके सिर पर जटा, शरीर पर भस्म तथा दाहिने कान में कुंडल मौजूद था। बचपन से ही वैराग्य युक्त थे, जो हाथ जोड़े हुए सेवा में सदैव तत्पर रहते थे।
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