गणतंत्र भारत के प्रथम राष्ट्रपति डॉ.राजेन्द्र प्रसाद के पड़ोसी गांव नरेन्द्रपुर के निवासी थे शहीद उमाकांत सिंह। वह राम मोहन राय सेमिनरी स्कूल पटना के छात्र थे। पटना सचिवालय के समक्ष अंग्रेजी को चुनौती देते हुए 11 अगस्त 1942 को सभी छात्र सचिवालय पर तिरंगा झंडा फहराने गए थे। जिस दौरान 17 साल के उमाकांत सिंह ने अंग्रेजी हुकूमत की गोली अपने सीने पर खाते हुए पटना सचिवालय पर तिरंगा फहराया था। उनके साथ 7 ओर छात्र शहीद हो गए थे। आज ही दिन हर साल नरेंद्रपुर गांव में स्थित उनके स्मारक पर मेला लगता है। साथ ही बिहार के शहीदों की सूची में सबसे प्रथम स्थान पर उनका नाम याद किया जाता है।
17 साल की उम्र में ब्रिटिश हुकूमत को चुनौती देने वाले उमाकांत बाबू का बलिदान दिवस।
