सिवान में मोहर्रम पर निकला एशिया का सबसे बड़ा ताजिया। कौमी एकता का मिसाल भीखपुर गांव।


Asias largest Tajiya came out on Moharram in Siwan. Bhikhpur village example of Qaumi Ekta.

सिसवन सिवान: जिले के सिसवन प्रखंड अंतर्गत भीखपुर गांव कौमी एकता की अद्भुत मिसाल के लिए चर्चित है। शनिवार को भीखपुर गांव में एशिया का सबसे बड़ा ताजिया निकाला गया। जिसकी ऊंचाई क्रमशः 80 फीट एवं 82 फीट थी। भीखपुर गांव में रहने वाले सिया मुसलमान भाइयों ने ताजिया जुलूस निकाला। जिसमें भीखपुर सहित क्षेत्र के अन्य गांव के हिंदू भाइयों ने भी साथ दिया। इस दौरान सिया मुसलमान भाइयों ने अपने शरीर पर ब्लेड बंधी जंजीर से प्रहार कर मातम मनाया, एवं या हुसैन, या हुसैन का नारा लगाया एवं हुसैन की याद में मातम मनाया। इस दौरान हजारों की संख्या में सभी धर्मों के श्रद्धालु उपस्थित रहे।

210 वर्षों से भी पुरानी परंपरा 

भीखपुर निवासी एडवोकेट मोहम्मद अब्बास एवं डॉ एसएम जाहिद ने बताया कि करीब 210 वर्षों पुरानी परंपरा चली आ रही है। करीब 210 वर्ष पूर्व मंझरिया किला से आए सैयद हसन के दो बेटों ने ताजिया की शुरुआत की थी। इस परंपरा को यहां हिंदू- मुस्लिम दोनों समुदाय के लोग मिलकर निरंतर आगे बड़ा रहे है। कौमी एकता एवं गंगा जमुनी तहजीब का अनोखा उदाहरण यहां देखने को मिलता है।

कौमी एकता की मिशाल भीखपुर का ताजिया: एशिया में सबसे बड़ा

एशिया के सबसे बड़े ताजिए का निर्माण भीखपुर गांव के सभी धर्मों के लोग मिलकर करते हैं। इस ताजिए को बनाने में 1 महीने से ज्यादा का समय लगता है। हिंदू मुस्लिम दोनों समुदाय के लोग ताजिया निर्माण से लेकर जुलूस तक में अपनी सहभागिता सुनिश्चित करते है।

क्रमशः 80 फीट एवं 82 फीट ऊंची ताजिए को उठाने में हिंदू धर्म के लोग भी नजर आए। एक ताजिए को उठाने में करीब 200 से ऊपर लोग लगे हुए थे। जो हिंदू एवं मुस्लिम दोनों समुदायों के थे। इस दौरान सिया मुसलमान भाई लाठी-डंडों से करतब दिखाते नजर आए। हिंदू भाइयों ने भी इस में बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया।

ताजिए को कंधे पर लेकर सबसे पहले मिलन चौक पर पहुंचे। जहां दोनों ताजिए का मिलान कराया गया। उसके बाद मिलान चौक से करीब 2 किलोमीटर दूर स्थित कर्बला तक ताजीए को ले जाया गया। जहां नोहर पढ़ने के बाद ताजिए को सुपुर्द ए खाक कर दिया गया। जिसके बाद रोजेदारों ने अपना रोजा तोड़ा। इस दौरान मुस्लिम समुदाय के लोग ब्लेड लगे जंजीर से अपने शरीर पर प्रहार करते हुए सरकार ए हुसैन की याद में मातम मनाते नजर आए एवं या हुसैन,या हुसैन के नारों के साथ मातम मनाते हुए दिखे।

उपस्थित रहे प्रशासनिक अधिकारी

मोहर्रम जुलूस के दौरान प्रशासन अलर्ट रहा। इस दौरान सिसवन प्रखंड के प्रखंड विकास पदाधिकारी सूरज कुमार सिंह, अंचलाधिकारी सतीश कुमार सहित सिसवन थाना प्रभारी कैप्टन शाहनवाज भी मौजूद रहे। वही भीखपुर पंचायत की मुखिया बबीता देवी द्वारा पेयजल की व्यवस्था की गई थी।

 

 

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