भाई-बहन के प्रेम का प्रतीक सीवान के इस एतिहासिक मंदिर में रक्षाबंधन के दिन श्रद्धालुओं की भीड़।


A crowd of devotees on the day of Rakshabandhan in this historic temple of Siwan, a symbol of brother and sisters love.

भाई-बहन के प्रेम का प्रतीक माने जाने वाला एक मंदिर सीवान के दरौंदा के अंतर्गत भीखा बांध में स्थित है। जहा हर साल रक्षाबंधन के दिन भारी संख्या में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ती है। साथ ही अनंत चतुर्दशी के दिन मेले का भी आयोजन किया जाता हैं। इस मंदिर के प्रांगण में 3 एकड़ में फैले दो वट वृक्ष की भी लोग पूजा करते हैं। मान्यता के अनुसार मुगल शासन के काल में एक भाई अपनी बहन की डोली लेकर उसके ससुराल जा रहा था। रास्ते में मुगल सिपाहियों ने डोली को रोक कर महिला के साथ दुर्व्यवहार करने की कोशिश की। अपनी बहन की रक्षा करने के लिए भाई सिपाहियों से उलझ गया। उस समय बहन ने भगवान की आराधना की। उसी समय धरती फटी जिसमें बहन समा गई। भाई भी उसी धरती में समा गया। कुछ दिनों बाद उसी स्थान पर यह दोनों वृक्ष उत्पन्न हुए। जिसका तना एक दूसरे से लिपटा हुआ है।

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