बिहार सरकार के शिक्षा विभाग ने गोपालगंज जिले में 886 शिक्षकों के खिलाफ कार्रवाई की है। शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक के निर्देश पे गोपालगंज में 886 शिक्षकों का एक दिन का वेतन लिया गया है.यह निर्णय राज्य के शिक्षा अपर मुख्य सचिव केके पाठक द्वारा शिक्षण समुदाय में अनुपस्थिति और लापरवाही पर नकेल कसने के लिए जारी निर्देशों के जवाब में लिया गया है। बिना उचित कारण के अपने कर्तव्यों से अनुपस्थित पाए गए 886 शिक्षकों का एक दिन का वेतन दंड के रूप में काटा गया है। इस सख्त कार्रवाई का उद्देश्य यह स्पष्ट संदेश देना है कि शिक्षा के क्षेत्र में जवाबदेही सर्वोपरि है और शिक्षकों को अपनी जिम्मेदारी पूरी लगन से निभानी चाहिए। शिक्षा अपर मुख्य सचिव केके पाठक ने नियमित उपस्थिति और शिक्षण के प्रति प्रतिबद्धता के महत्व पर जोर देते हुए कहा कि छात्रों को प्रदान की जाने वाली शिक्षा की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए ऐसे उपाय आवश्यक हैं। उन्होंने सभी शिक्षकों से अपनी भूमिकाओं और जिम्मेदारियों को प्राथमिकता देने का आग्रह किया, क्योंकि उनका समर्पण सीधे युवा पीढ़ी के भविष्य को प्रभावित करता है। इस कदम को मिश्रित प्रतिक्रिया मिली है, कुछ लोगों ने शिक्षा प्रणाली में सुधार के लिए सरकार के सक्रिय रुख की सराहना की है, जबकि अन्य ने शिक्षकों के सामने आने वाली संभावित कठिनाइयों के बारे में चिंता व्यक्त की है। राज्य शिक्षा विभाग ने आश्वासन दिया है कि अनुपस्थित शिक्षकों की पहचान करने में उचित प्रक्रियाओं का पालन किया गया और पूरी प्रक्रिया में पारदर्शिता और निष्पक्षता बनाए रखी गई। वैसे देखा जाये तो शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक बराबर विवादो में रहते हैं,बताया जाता है की नीतीश कुमार भी इनके मनमानी से चिंतित रहते हैं और बाकी अधिकारी भी परेशान रहते हैं.लेकिन इनके बारे में कहा जाता है कि ये इमानदार और कर्मठ बहुत ज्यादा है
गोपालगंज में 886 शिक्षकों का एक दिन का वेतन कटने से शिक्षकों में हड़कंप
