गोपालगंज : नदियों की धार में दर्जनों गांव विलीन हुए, सरकार ने अब तक पुनर्वास की व्यवस्था नहीं की।


Gopalganj: Dozens of villages merged in the rivers, the government has not yet arranged for rehabilitation.

गोपालगंज के बिशुनपुर बांध पर बसे लोगों की जिंदगी दो दशकों से बदतर बनी हुई हैं। बाढ़ और कटाव ने उनकी जिंदगी को पूरी तरह बदल दिया है। 20 साल बाद भी सरकार और प्रशासन की ओर से विस्थापितों को घर बनाने की भी जमीन नहीं मिली है,यहां तक कि बाढ़ के बाद पीड़ितों को जाति व आय प्रमाण-पत्र, निवास प्रमाण-पत्र बदलवाने में ही सालों चक्कर काटने पड़े। करीब ढाई सौ परिवार झोपड़ियों में अपना जीवन यापन कर रहे हैं। 12 गांवों की 3500 एकड़ खेतिहर जमीन गंडक नदी के बाढ़ में समा गई हैं।

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