किसी ने बिल्कुल सही बात कही है कि अगर किसी काम को करने में दिल लगे तो उसमें अपनी पूरी जान लगा दो। यह उदाहरण बिल्कुल फिट बैठता है रेसलर रिंकू सिंह राजपूत उर्फ वीर महान पर। वैसे तो रेसलर रिंकू का जन्म एक गरीब परिवार में हुआ था लेकिन गरीबी कभी इनके आड़े नहीं आई क्योंकि इनके हौसले चट्टान की तरह बुलंद थे। कक्षा 9 तक पढ़े-लिखे रिंकू ने अमेरिका में भारत की तरफ से 10 साल फुटबॉल मैच खेला है। रिंकू सिंह राजपूत भारत के सर्वश्रेष्ठ बेसबॉल खिलाड़ी में से एक है, इनके जीवन पर 'मिलीयन डॉल आर्म' बायोपिक फिल्म भी बनी है। इसके बाद उन्होंने बेसबॉल खेलना छोड़ दिया और 2019 मे wwe nxt से अपने करियर की शुरुआत की। सनातनी धर्म में जन्म लेने के नाते इन्होंने 2012 में नॉनवेज खाना छोड़ दिया था। आज रिंकू पहलवान दुनिया भर में अपने देश का नाम ऊंचा कर रहे हैं।
शुरुआत बेसबॉल खिलाड़ी से, आज रेसलिंग के रूप में लहरा रहे परचम।
दादी-नानी के नुस्खो से शुरू किया स्टार्टअप, आज 25 लख रुपये का टर्नओवर।
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हमें परिस्थितियों को दोष नहीं देना चाहिए।
ऐक्टिंग स्कूल में एडमिशन ना मिलने के बाद भी कैसी मिला बॉलीवुड को एक उम्दा कलाकार।
छोड़ा आईएस का पद, शुरू किया कोचिंग सेंटर, आज टॉप 5 कोचिंग सेंटर में से एक।
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