'पेपरफ्राय' ने भारत के ऑनलाइन रिटेल स्पेस में एक महत्वपूर्ण नाम है जो भारत में तब शुरू हुआ जब 'अमेजॉन' भारत में नहीं आया था और 'फ्लिपकार्ट' अपनी प्रमुख पहचान बना रहा था। 2011 के इस दौर में अंबरीश मूर्ति और आशीष शाह ने अपनी लिंक्डइन प्रोफाइल पर 'स्टार्टिंग अप' लिखा और इस स्टार्टअप में दोनों अपनी जमा पूंजी लगा दी, जो पिछली नौकरी से कमाई थी। 2011 में ही इसकी शुरुआत हुई और पूरी टीम अपनी जमा पूंजी से काम कर रही थी, लेकिन वे तय नहीं थे कि उनका ब्रांड का नाम क्या होगा। अपने विचारों के साथ, उन्होंने कठिनाइयों का सामना किया और एक सफल रिटेल वेबसाइट बनाई। आठ साल में करीब 200 मिलियन डॉलर की फंडिंग जमा कर ली है। वे अब 400 ट्रक के साथ अपना सामान डिलीवर कर रहे हैं।
20-25 लोगों से शुरू हुई 'पेपरफ्राई', अब ₹250 करोड़ का टर्नओवर।
