1961 के 19 अप्रैल को मुंबई में अरशद वारसी का जन्म हुआ। बचपन में ही उनके माता पिता का देहांत हो गया था। दसवीं तक अपनी स्कूली शिक्षा पुरी करने के बाद पढ़ाई छोड़ कर घर खर्च चलाने के लिए अरशद बसों और घरों में कॉस्मेटिक का सामान बेचने लगे। उसके बाद उन्होंने फोटो लैब में काम सीखने के अलावा, एक डांसिंग ग्रुप को भी ज्वॉइन किया। इस दौरान उन्होंने इंडिया डांस कॉम्पिटीशन का खिताब भी जीता। तब तक उनका इरादा एक कोरियोग्राफर बनने का था। साल 1987 में बॉलीवुड में अरशद ने असिस्टेंट डायरेक्ट के रुप में काम किया। इस तरह उनकी कमियाबी का सिलसिला चलता गया। साल 1993 की फिल्म रूप की रानी चोरों का राजा गानों में उन्होंने कोरियोग्राफी की। अपने मेहनत के बल पर तेरे मेरे सपने फिल्म से बतोर हीरो के रुप में अभिनय में अपना पहला क़दम रखा, लेकिन उनको ऐक्टिंग में इतनी सफ़लता नहीं मिल रही थी। साल 2003 में आई मुन्नाभाई एमबीबीएस फिल्म में उनके द्वारा निभाए गए किरदार सर्किट से उनको सफ़लता मिलने लगी। लोगों ने उनके किरदार को बेहद पसंद किया। अबतक उन्होंने 60 से भी ज्यादा फिल्मों में काम किया है। संघर्ष से लड़ कर अपनी मेहनत और लगन से बॉलीवुड में अपनी पहचान बनाने वाले अरशद वारसी की सफलता आज के युवाओं के लिए प्रेरणा है।
कैसे कॉस्मेटिक का सामान बेचने वाला बना बॉलीवुड का मशहूर कलाकार।
दादी-नानी के नुस्खो से शुरू किया स्टार्टअप, आज 25 लख रुपये का टर्नओवर।
कैसे बना दिल्ली का एक आम लड़का बॉलीवुड का बादशाह?
नौकरी छोड़ शुरू किया बुनकर का कारोबार, आज केपजैमिनी की लिस्ट में टॉप 10 में शामिल।
हमें परिस्थितियों को दोष नहीं देना चाहिए।
ऐक्टिंग स्कूल में एडमिशन ना मिलने के बाद भी कैसी मिला बॉलीवुड को एक उम्दा कलाकार।
छोड़ा आईएस का पद, शुरू किया कोचिंग सेंटर, आज टॉप 5 कोचिंग सेंटर में से एक।
बिना पैसा लगाए शुरू किया बिजनेस, आज बड़े-बड़े सेलिब्रिटी हैं उनके कस्टमर।
टिक टॉक के माध्यम से की शुरुआत, आज सभी के दिलों पर कर रही हैं राज।
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