सन 1969 के 23 अप्रैल को बिहार में मनोज वाजपेयी का जन्म हुआ। उनके पिता एक किसान थे। और मां एक गृहिणी थी। बचपन से ही मनोज एक्टर बनना चाहते थे। 12वीं तक अपनी स्कूली शिक्षा पुरी करने के बाद, 17 साल की उम्र में नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा में एक्टिंग सीखने के लिए वह दिल्ली आ गए। लेकिन उनको ऐक्टिंग स्कूल में एडमिशन नहीं मिला। फिर उन्होंने दिल्ली के एक थिएटर में काम करना शुरु किया। इस दौरान साल 1994 में आई गोविंद निहलानी फिल्म में उनको एक मिनट का एक छोटा सा रोल मिला। फिर 1995 में उन्होंने दूरदर्शन पर स्वाभिमान सीरियल में काम किया। यह उनके कॅरियर का टर्निंग पॉइंट था। इसके बाद उन्होंने करीब 58 फिल्मों में काम किया। 2003 में उनको पिंजर फिल्म के लिए राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार और स्पेशल जूरी अवॉर्ड मिला। अपने अनोखे और दमदार अभिनय के बदौलत उन्होंने दो नेशनल और चार फिल्मफेयर अवॉर्ड हासिल किया। उनके अनकन्वेंशनल रोल्स को दर्शकों से काफ़ी सराहनाई मिली। हिंदी फिल्म इंडस्ट्री के उम्दा कलाकारो में आज भी मनोज बाजपेई का नाम शुमार हैं।
ऐक्टिंग स्कूल में एडमिशन ना मिलने के बाद भी कैसी मिला बॉलीवुड को एक उम्दा कलाकार।
दादी-नानी के नुस्खो से शुरू किया स्टार्टअप, आज 25 लख रुपये का टर्नओवर।
कैसे बना दिल्ली का एक आम लड़का बॉलीवुड का बादशाह?
नौकरी छोड़ शुरू किया बुनकर का कारोबार, आज केपजैमिनी की लिस्ट में टॉप 10 में शामिल।
हमें परिस्थितियों को दोष नहीं देना चाहिए।
छोड़ा आईएस का पद, शुरू किया कोचिंग सेंटर, आज टॉप 5 कोचिंग सेंटर में से एक।
बिना पैसा लगाए शुरू किया बिजनेस, आज बड़े-बड़े सेलिब्रिटी हैं उनके कस्टमर।
टिक टॉक के माध्यम से की शुरुआत, आज सभी के दिलों पर कर रही हैं राज।
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