सन् 1925 में गुजरात के भावनगर जिले के महुआ कस्बे में जन्मे बलवंत राय कल्याणजी पारेख ने वकालत में डिग्री हासिल तो की लेकिन कभी वकालत करने का अभ्यास नहीं किया, उल्टा वह मुंबई में एक डाइंग व प्रिंटिंग प्रेस में काम करने लगे। कुछ समय काम करने के बाद वह एक व्यापारी के कार्यालय में चपरासी बने। लेकिन बलवंत राय को अपना बिजनेस करना था, तो उन्होंने मोहन नाम के एक निवेशक की मदद से साइकिल, एरेका नट, पेपर डाइज को पश्चिमी देशों से भारत में इंपोर्ट करने का बिजनेस शुरू किया। बलवंत ने 1954 मे जर्मनी की कंपनी Hoechst को भारत में रिप्रेजेंट करने वाली फेडको के साथ 50 प्रतिशत की एक पार्टनरशिप की। कुछ समय बाद इन्होंने फेडको में और ज्यादा खरीदने की शुरुआत की और एक ग्लू बनाया, जिसे नाम दिया गया Fevicol. Fevicol की लॉन्चिंग 1959 में हुई। इसके बाद कंपनी में बलवंत के एक भाई नरेन्द्र पारेख भी जुड़े। 1959 में ही कंपनी का नाम बदलकर पिडिलाइट इंडस्ट्रीज हो गया। साल 2000 में पिडिलाइट इंडस्ट्रीज ने एमसील को खरीदा और एक नई डिवीजन सेटअप हुई, साल 2001 में डॉ. फिक्सइट- द वाटरप्रूफिंग एक्सपर्ट को लॉन्च् किया गया। 2004 में पिडिलाइट 1000 करोड़ रुपये के टर्नओवर पर जा पहुंची। 2004 में ही फेविकोल मरीन लॉन्च हुआ। आज पिडिलाइट इंडस्ट्रीज का टर्नओवर 5.34 करोड़ रुपये है। कंपनी का मार्केट कैप 1,09,729.04 करोड़ रुपये और बीएसई पर शेयर की कीमत 2158.75 रुपये है। फाइनेंशियल ईयर 2021-22 में पिडिलाइट का रेवेन्यु 8,340.17 करोड़ रुपये रहा। बलवंत राय विनायल केमिकल्स के चेयरमैन भी रहे। 25 जनवरी 2013 में उनका निधन हो गया।
चपरासी की नौकरी छोड़ की बिजनेस की शुरुआत, आज 8 हजार करोड़ से ज्यादा रेवेन्यु वाली कंपनी।
दादी-नानी के नुस्खो से शुरू किया स्टार्टअप, आज 25 लख रुपये का टर्नओवर।
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