12 अक्टूबर सन् 1990 को मथुरा में जन्मी मालविका सक्सेना को बचपन से ही आर्ट में रुचि रही। लेकिन उनके घरवालों का मानना था कि इंटेलीजेंट बच्चे साइंस और कॉमर्स पढ़ते हैं, ये आर्ट-वार्ट तो पढ़ाई में फिसड्डी लोगों की चीज है। मालविका ने मथुरा से एमबीए किया। मालविका बताती हैं कि मुझे जितनी बंदिशों और नियंत्रण में पाला गया था, मेरे अंदर आजाद होने की इच्छा भी उतनी ही तेज हो गई थी। एक दिन में अपने कमरे में पुराने जूते पड़े मिले जिन्हें वो बैठने वाली थी, लेकिन इन्होंने जूतों को बैठने की बजाय पेंट कर डाला। यही से मालविका को अपने हाथों की कला को एक बिजनेस आइडिया में बदल बदलना शुरू किया। इसके बाद मालिका ने इंस्टाग्राम पर द क्वर्की नारी नाम से एक पेज बनाया। वहां उन्होंने अपने हैंडपेंटड जूतों, कपड़ों और पर्स की तस्वीरें पोस्ट करनी शुरू कीं। धीरे-धीरे मालविका के पास ऑर्डर आने लगे। उनके पास इंवेस्ट करने के लिए ज्यादा पैसे नहीं थे। इसीलिए उन्होंने आधा पैसा एडवांस में और आधा प्रोडक्ट डिलिवर होने के बाद देने की बात कही। धीरे-धीरे डिमांड बढ़ने लगी। ब्रांड और मालविका को मिली पहचान से धीरे-धीरे उनका आत्मविश्वास लौट रहा था। फिर शार्क टैंक में अपना आइडिया पिच करने के बाद उन्हें 35 लाख रुपए की फंडिंग भी मिली। मालविका ने अब तक मार्केटिंग पर एक भी पैसे खर्च नहीं किए क्योंकि यह इतना खूबसूरत और यूनीक है, कि सनी लिओन, अदा शर्मा, रवीना टंडन, रुबीना दिलक, रणविजय सिंघा, असिम रियाज, पारस छाबड़ा जैसे फिल्म और टीवी के जाने-माने सेलिब्रिटी द क्वर्की नारी के प्रोडक्ट इस्तेमाल कर चुके हैं। मालिका ने जो सफर तय किया हैं उन्हें शब्दों में बयां करना नामुमकिन है।
बिना पैसा लगाए शुरू किया बिजनेस, आज बड़े-बड़े सेलिब्रिटी हैं उनके कस्टमर।
