श्रीलंका के प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे ने बुधवार को आर्थिक संकट का मुकाबला करने के लिए अब तक किए गए उपायों के बारे में संसद को बताया। विक्रमसिंघे ने कहा कि हमने भारतीय ऋण सहायता के तहत 4 अरब अमेरिकी डॉलर का लोन लिया है तथा हमने अपने भारतीय समकक्षों से अधिक लोन सहायता की मांग की है पर भारत भी इस तरह लगातार हमारा साथ नहीं दे पाएगा। उन्होंने कहा की भारत द्वारा दी जाने वाली वित्तीय सहायता धर्मार्थ दान नहीं है। पीएम ने कहा कि श्रीलंका अब केवल गैस, दवा, बिजली, भोजन और इंधन की कमी से कहीं ज्यादा गंभीर स्थिति का सामना कर रहा है। श्रीलंका 1948 के बाद से सबसे भीषण आर्थिक संकट का सामना कर रहा है।
श्रीलंका के प्रधानमंत्री ने आर्थिक संकटों के चलते भारतीय समकक्षों से किया अधिक ऋण सहायता का अनुरोध
