कल हुई सर्वेक्षण के आधार पर जो भी तथ्य मिला उसको देखा जाए तो एक बात सामने आई है,ज्ञानवापी का फैसला जो भी हो राजनीति करने वाले आसानी से हल नहीं होने देंगे।अभी वादी और प्रतिवादी का अपना अपना दावा है,कितना सही है ये कोर्ट तय करेगा।कल से चल रही राजनीतिक बयानबाजी वर्तमान समय के लिए बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है।कोर्ट कमिश्नर द्वारा सभी रिपोर्ट दो दिन मे जमा करने की अनुमति मांगी गयी है|जबकि प्रतिवादी पक्ष ने सर्वे के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर किया है देखना यह है कि दावे के साथ कौन सही और कौन गलत है।
सर्वे रिपोर्ट कितना सही और कितना झूठ
